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श्री ज्वाला देवी माँ चालीसा – Shri jwala devi maa chalisa

||दोहा||

शक्ति पीठ मा ज्वालपा धरु तुम्हारा ध्यान|

हृदय से सिमरन करु दो भक्ति वरदान||

सुख वैभव सब दीजिए बनु तिहारा दास|

दया दृष्टि करो भगवती आपमें है विश्वास||

||चौपाई||

नमस्कार हे ज्वाला माता|
दीन दुखी की भाग्य विधाता||
ज्योति आपकी जगमग जगे|
दर्शन कर अंधियारा भागे||
नव दुर्गा है रूप तिहारा|
चौदह भवन में दो उजियारा||
ब्रह्मा विष्णु शंकर द्वारे|
जय माँ जय माँ सभी उछारे||
ऊँचे पर्वत धाम तिहारा|
मंदिर जग में सबसे न्यारा||
काली लक्ष्मी सरस्वती माँ|
एक रूप हो पार्वती माँ||
रिद्धि-सिद्धि चंवर डुलावे|
आ गणेशजी मंगल देयो||
गौरी कुण्ड में आन नहौ|
मन का सारा मेल हटौ||
गोरख डिब्बी दर्शन पौ|
बाबा बालक नाथ मनौ||
आपकी लीला अमर कहानी|
वर्णन कैसे करे ये प्राणि||
राजा दक्ष ने यज्ञ रचाया|
कनखल हरिद्वार सजया||
शंकर का अपमान कराया|
पार्वती ने क्रोध दिखाया||
मेरे पति को क्यों ना बुलाया|
सारा यद्न्या विद्वान्स करया||
कुद गई मां कुंद में जाकर|
शिव भोले से ध्यान लगाकर||

गौरा का शव कंधे रखकार|
चले नाथ जी बहुत क्रोध कर||
विष्णुजी सब जानके माया|
चक्र चालक बोझ हटाय||
अंग गिरे जा पर्वत ऊपर|
बन गए माँ के मंदिर उस पार||
बावन है शुभ दर्शन माँ के|
जिन्हे पूजते हैं हम जा के||
जिव्हा गिरी कांगड़े ऊपर|
अमर तेज एक प्रगति आकार||
जीव पिंडी रूप में बदलि|
अनसुइया गैया वाह निकली||
दूध पिया माँ रूप में आके|
घबराया ग्वाला वाहा जाके||
माँ की लीला सब पहचानना|
पाया उसे वही ठिकाना||
सारा भेद राजा को बताया|
ज्वालाजी मंदिर बनवाया||
चंडी माँ का पथ कराया|
हलवे चने का भोग लगाया||
कलयुग वासी पूजन कीन्हा|
मुक्ति का फल सबको दीन्हा||
चौसठ योगिनी नाचे द्वारे|
बावन भैरो है मतवारे||
ज्योति को प्रसाद चावे|
पेड़े दूध का भोग लगावे||
ढोल ढप्प बाजे शहनाई|
डमरू छैने गए बधाई||
तुगलक अकबर ने अजमाया|
ज्योति कोई बुझा नहीं पाया||
नाहर खोदकर अकबर लाया|
ज्योति पर पानी भी गिरया||
लोहे की चादर थी ठुकवाई|
ज्योत फेलकर जगमग आई||
अंधकर सब मन का हत्या|
छात्र चढ़ने डर पे आया||
शरणागत को माँ अपनया|
उसका जीवन धन्य बनाया||
तन मन धन मय करु न्यौछावर|
मंगू मां झोली फेलाकर||
मुझको माँ विपदा ने घेरा|
काम क्रोध ने लगाया डेरा||
रोज़ भवन के दर्शन पौ|
बार-बार माई शीश नवाउ||
जय जय जय जगदम्ब ज्वालापा|
ध्यान रखेगी तू ही बलाका||
ध्यानु भगत तुम्हारा यश गाया|
उसका जीवन धन्य बनाया||
कलिकाल में तुम वरदानी|
क्षमा करो मेरी नादानी||
शरण पड़े को गले लगाओ|
ज्योति रूप में सन्मुख आओ||

||दोहा||

रहुँ पूजता ज्वालपा जब तक है ये हंसों|

‘ओम्’ को डर प्यारा लगे तुम्हारा ही विश्वास||

 

श्री ज्वाला देवी माँ चालीसा – Shri jwala devi maa chalisa

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