वीरभद्र चालीसा – Veerbhadra chalisa
वन्दोच वीरभद्र शरणों शीश नवाओ भ्रात। ऊठकर ब्रह्ममुहुर्त शुभ कर लो प्रभात॥ ज्ञानहीन तनु जान के भजहौंह शिव कुमार। ज्ञान ध्यातन देही मोही देहु भक्तिु सुकुमार॥ जयजयशिवनन्दानजयजगवन्दमन। जय-जय शिव पार्वतीनन्दजन॥…
वन्दोच वीरभद्र शरणों शीश नवाओ भ्रात। ऊठकर ब्रह्ममुहुर्त शुभ कर लो प्रभात॥ ज्ञानहीन तनु जान के भजहौंह शिव कुमार। ज्ञान ध्यातन देही मोही देहु भक्तिु सुकुमार॥ जयजयशिवनन्दानजयजगवन्दमन। जय-जय शिव पार्वतीनन्दजन॥…